मथुरा-वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व आज मनाया जा रहा है। यहां के प्रमुख मंदिरों में 7 सितंबर की मध्यरात्रि 12 बजे कान्हा का जन्म होगा। इस मौके पर गली-गली हरे कृष्णा हरे कृष्णा से गूंज रही है। जन्मोत्सव का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंची है। लल्ला के स्वागत के लिए मथुरा-वृंदावन को दुल्हन की तरह सजाया गया है। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर पर मुख्य आयोजन शुरू हो गए हैं।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के साक्षी बनने को आए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जन्मस्थान के आसपास डेरा जमा लिया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पर्याप्त व्यवस्था कर रखी है। जन्मस्थान को जाने वाले रास्तों पर खेल खिलौने बेचने वालों की दुकान लगी हुई हैं। भीड़ का आलम इतना अधिक है कि श्री कृष्ण जन्मस्थान संस्थान के बाहर बिछाई गई लाल रंग की कालीन पर श्रद्धालु लल्ला के जन्म का इंतजार कर रहे हैं।
अयोध्या में रामलला को उनका जन्म स्थान दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास महाराज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा आए। उन्होंने कहा कि रामलला का संघर्ष पूरा हो गया। अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान की बारी है। जीवन में यही दो लक्ष्य निर्धारित किए थे। एक पूरा हो गया और दूसरा पूरा होने की कगार पर है।