28 C
Mumbai
Thursday, April 25, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

मदनी: मुश्किल हैं मुसलमानों के लिये मुल्क के हालात, लेकिन न हों मायूस 

देवबंद। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले के देवबंद में इस्लामी शिक्षा के सबसे बड़े केन्द्र और सामाजिक एवं धार्मिक संगठन ‘जमीयत उलमा ए हिंद’ के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने संगठन के सालाना सम्मेलन में शनिवार को देश के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मुसलमानों के लिये मुल्क के हालात मुश्किल भरे हो गये हैं।

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

मदनी की अध्यक्षता में देवबंद में जमीयत उलेमा ए हिंद का दो दिवसीय सम्मेलन शुरु हुआ। सम्मेलन में अपनी तकरीर के दौरान भावुक होते हुए मदनी ने कहा कि देश में आज मुसलमानों का जीना मुश्किल हो गया है। मदनी, देवबंद के ईदगाह मैदान में जमीयत की राष्ट्रीय प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक के पहले सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने अपील करते हुए कहा, “हमें हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया है। हम जुल्म सहेंगे लेकिन मुल्क पर आंच नहीं आने देंगे। आज देश के जो हालात हैं, उनसे मुसलमानों को मायूस होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जमीयत उनके सम्मान और अधिकारों की लडाई लडने को मैदान में मौजूद है। हमें नफरत फैलाने वालो के जाल में नहीं फंसना है और नफरत का जवाब मोहब्बत, अमन शांति एवं सद्भाव को मजबूत करके देना है।”

मदनी ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती है, जबकि समाज और मुल्क अपनी जगह कायम रहता है। उन्होंने कहा, “हम चरमपंथी फासीवादी ताकतों के सामने घुटने नहीं टेंकेगे और अपने पुरखों और पूर्वजों की तरह राष्ट्र और इसके स्थापित मूल्यों और आदर्शों की खातिर अपना सब कुछ कुर्बान करने को तत्पर रहेंगे।”

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

उन्होंने कहा कि जमीयत देश में शिक्षा के प्रचार-प्रसार, अमन और आपसी भाईचारा कायम करने, अन्याय और भेदभाव के खिलाफ सफलता पूर्वक आगे बढ रही है। मदनी ने मुसलमानों से अपील की कि वे किसी भी भड़काने वाली और उत्तेजित करने वाली बातों में न आयें। इनका जवाब धैर्य और शांति से दे।”

उन्होंने आरोप लगाया कि छदम राष्ट्रवाद के नाम पर आज राष्ट्रीय एकता को तोड़ने की कोशिश हो रही है। जमीयत मानती है कि यह मुसलमानों का नुकसान नहीं है बल्कि देश की एकता और अखंडता का नुकसान है। मदनी ने केंद्र सरकार से अपील की कि समाज विरोधी, लोकतंत्र विरोधी और नागरिकों के बीच असमानता और भेदभाव करने वालीे नीतियों और गतिविधियों को रोका जाये।

उन्होंने कहा कि मुसलमान अपने धर्म का पालन करते हुए राष्ट्र हित का पूरी निष्ठा और समपर्ण की भावना से निर्वहन करता है और करता रहेगा। उन्होंने कहा कि मुसलमान देश में भले ही अल्पसंख्यक हैं, लेकिन जो लोग सत्ता में है, उनकी तुलना में हम लोगो की संख्या बहुसंख्या में है।

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

गौरतलब है कि जमीयत के शनिवार और रविवार को आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में संगठन की गवर्निंग बॉडी की भी बैठक हो रही है। देवबंद स्थित ईदगाह के मैदान पर देश भर से आये लगभग 2000 प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। महमूद मदनी से पहले दारूल उलूम के चांसलर मुफ्ति अबुल कासिम नौमानी, पश्चिम बंगाल सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन में असम के सांसद और दारूल उलूम की प्रबंध समिति के सदस्य मौलाना बदरूद्दीन अजमल भी उपस्थित रहे।

सम्मेलन के मद्देनजर देवबंद में सम्मेलन स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं। सम्मेलन की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी कर रहे हैं। सम्मेलन के दौरान गवर्निंग बॉडी की बैठक में समान नागरिक संहिता, ज्ञानवापी मस्जिद विवाद, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद सहित अन्य ज्वलंत मद्दों के कारण अल्पसंख्यकों के समक्ष उपजी चुनौतियों पर चर्चा होगी और कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किये जा सकते हैं।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here